Kota Suicide Cases 2024: शुरुआत में ही किया कई विद्यार्थियों ने Suicide, बताया यही था अंतिम रास्ता..

Kota Suicide Cases

Kota Suicide Cases के चलते पूर्व में JEE और NEET जैसे बड़े Entrance Exam की preparation कराने के लिए विख्यात Kota District जिसे “Coaching Center Hub” के नाम से भी जाना जाता है।  वर्तमान में हो रही आत्महत्याओं की घटना को लेकर चर्चा में हैं। पिछले वर्ष 2023 में Kota District से कई आत्महत्याओं के मामले सामने आए, और इस साल 2024 की शुरुआत से ही Kota District में हालात, विभिन्न  Coaching Center से कई Suicide के Case सामने आए हैं। इसके चलते अब तक कई विद्यार्थी अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं, और इन घटनाओं  का आंकड़ा निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।

Kota Suicide Cases में एक और नाम जुड़ा

Kota suicide cases में हाल ही में एक और नाम जुड़ गया, Summit Panchal की आत्महत्या की दु:खद  घटना के बाद जो कि खुद भी एक छात्र थे, 48 घंटों के भीतर ही Bharat kumar Rajput की आत्महत्या की घटना सामने आई। Bharat Kumar Rajput नामक एक 20 वर्षीय “NEET-UG” (National Eligibility-cum-Entrance Test) के विद्यार्थी ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। विद्यार्थी का “NEET-UG” का ये तीसरा attempt था, जिसे लेकर वह मानसिक तनावों से घिरा हुआ था। जिसे छुटकारा पाने क लिए Bharat Kumar Rajput ने आत्महत्या का कदम उठा लिया।

Bharat Kumar Rajput दहोलपुर, राजस्थान का रहने वाला था, जो कि ‘5 मई’ को अपना तीसरा attempt  देने वाला था। Gopal Singh “Sub-Inspector of Jawahar Nagar Police Station” ने बताया की उन्होंने Bharat Kumar के कमरे से एक “suicide note” बरामत किया जिसमे लिखा था “Sorry papa, I couldn’t do it this year as well”. जिससे Bharat Kumar की गंभीर मानसिक तनाव की स्थिति का पता चलता है।

Kota में मानसिक तनाव से जूझते विद्यार्थी..

Kota Suicide Cases में वृद्धि का एक कारण वह पढ़ रहे विद्यार्थी के मानसिक स्वास्थ्य पर उचित ध्यान न दे पान हैं। Kota में पढ़ रहे अनेक विद्यार्थी विभिन्न प्रकार क कारणों क चलते गंभीर मानसिक स्तिथियों से ग्रस्त रहते है। आंकड़ों के अनुसार लगभग 20% विद्यार्थी परीक्षा में उत्तरीण न हो पाने के विचारों से ही ग्रस्त रहते हैं, और 53% विद्यार्थी अकसर कई कारणों से चिंता और अकेलापन महसूस करते है। इन कारणों में परीक्षा दबाव के साथ-साथ परिजनों और वित्तीय परिस्थितियों का दबाव भी निहित है। इन सब में छात्राओं को छात्रों से थोड़ा अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

Kota Suicide Cases 2024: विद्यार्थियों को उनकी मानसिक स्तिथि की दुर्दशा का प्रभाव उन्हे केवल अपनी पढ़ाई में ही नहीं बल्कि शारीरिक तौर पर भी हॉर्मोनल चेंजेस द्वारा देखने को मिलता है,जोकि की विद्यार्थियों में Frustration और क्रोध बढ़ने के लक्षणों को भी दर्शाता है। अनेकों बार मानसिक तनाव के बढ़ने के कारण वे कई बार सुवैम को शारीरिक हानी का भी शिकार बना लेते हैं, और तनाव अत्यंत बढ़ जाने पर उससे मुक्त होने क लिए आत्महत्या जैसे हताहथ निर्णयों पर पहुँच जाते है।

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NCRB द्वारा प्रस्तुत किए गए आँकड़े: Kota Suicide Cases 2024

वर्ष 2021 में NCRB(National Crime Records Bureau) ने भारत में 13,089 विद्यार्थियों की आत्महत्या करने के  कारण मृत्यु होने की पुष्टि की जिसके अनुसार इस बात का पता चल की, Kota Suicide Cases की जो संख्या वर्ष 2011 में 7,696 थी वह 2021 तक 70% तक बड़ी चुकी है, और यह संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है। अन्य संस्थाओ द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से यह भी प्रदर्शित होता है की वर्ष 2023 में अधिकतम Student Suicide के Cases सामने आए है। इसे पूर्व वर्ष 2015 में 17 Student Suicide के Cases सामने आए थे, जिनका आंकड़ा 2023 में बढ़कर 30 हो गया।

Student Suicide Cases की रोक थाम के लिए किए गए विभिन्न प्रयास

Kota Suicide Cases 2024 में हो रही वृद्धि की रोक थम क लिए प्रशासन निरंतर रूप से प्रयास कर रहा है। प्रशासन द्वारा coaching centers को नियमित रूप से विद्यार्थियों को Counselling की सुविधा उपलब्ध करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त प्रशासन द्वारा स्वयं भी सभी नागरिकों क लिए National Institute ऑफ Mental Health(NIMH) के साथ मिलकर “988 – Suicide & Crisis Lifeline” के नाम से एक Mental Helpline in India launch की जिसकी सहायता से विद्यार्थियों के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति की सहायता  की जा सके।

इसके अतिरिक्त भी प्रशासन ने अनेकों इसे प्रयास किए है जैसे अधिक सुरक्षा ओर सावधानी बढ़ाना आदि। किन्तु अभी भी Student Suicide Cases जैसे गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए अनेकों प्रयास करना शेष है।

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